पहले था जो
शरार दिल
अब यादों का मजार दिल....
दिल की हालत वो न रही
खो ही चुका है करार दिल...
जो आजाद परिंदा था
प्यार का वो ही शिकार दिल...
लाखों गम जो देने थे
दे देते थे हजार दिल...
गम
की भट्टी से गुजरा
सफा हुआ ये वकार दिल...
---संगीता जोशी
कुछ न कहा है मैं ने अबतक
सिर्फ सुना है मैं ने अबतक....
हर रिश्ते में जो लाजिम था
वही किया है मैं ने अबतक...
गम व अजाब,जरर और क्या क्या
हंसते सहा है मैं ने अबतक...
रोज नया इक जुल्म तुम्हारा
नहीं गिना है मैं ने अबतक....
दी हैं दुआएं, प्यार पुराना
दिल में रखा है मैं ने अबतक...
--संगीता
जोशी