वक्त है भला-बुरा आदमी बुरा नहीं
कौन
है कि जिसने कोई गुनह किया नहीं...
अक्स
जो मिला; मुझे साथ मैं चला गया
शख्स
पहले था जो मैं फिर कहीं मिला नहीं....
आरजू
चली गई ढूंढता कहॉं उसे
आरजू
न साथ हो कोई ये खता नहीं....
दिल
ने काम जो किया क्या मलाल उस का अब
उफ
न की, जला मगर कुछ धुआं उठा नहीं...
लोग
कह रहे मुझे, ‘ ना परख हुई तेरी,
सिक्का
तू खरा, सबब हाट में चला नहीं
--संगीता
जोशी
No comments:
Post a Comment